विश्व स्तरीय अध्यात्मिक नेता तथा मानवतावादी धर्मगुरु
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बता दे की विदेशों में भी इन्हें कई सर्वश्रेष्ठ सम्मान प्राप्त हुए हैं। और वे इस बात पर जोर देते हैं कि ध्यान के अलावा भी दूसरे लोगों की सेवा भी इनसान को करनी चाहिए।श्री रविशंकर जी ने और बताया कि वह दूसरी बार इस पावन धाम चामुंडा में आए हैं और यहां आ करके उन्हें बहुत ही अलौकिक आनंद की प्राप्ति होती है। और प्रशासन के द्वारा की गई व्यवस्थाओं की उन्होंने विशेष सराहना की।
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