हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस हुआ बेकाबू – हर दिन सौ पशुओं की मौत, 30 हजार से ज्यादा पशु हो चुके हैं संक्रमित

हिमाचल प्रदेश में लंपी वायरस (lumpy virus

) का संक्रमण काफी बेकाबू हो गया है। सरकार व विभाग के तमाम दावों व इंतजामों के बाद भी लंपी वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा हैं। Lumpy virus से हर दिन 100 से अधिक पशुओं की मौत हो रही है। और वहीं हर दिन हजारों पशु लंपी वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। पशुपालन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक प्रदेश में लंपी वायरस से अब तक कुल 754 पशु Lumpy virus से संक्रमित होने के कारण जान गवां चुके हैं। और वहीं 26901 पशु लंपी स्किन डिजीज से संक्रमित हो चुके हैं। लंपी वायरस का संक्रमण प्रदेश के अब  तक नौ जिलों में फैल चुका हैं। इन जिलों में शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, मंडी, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और चंबा जिला है। Animal Husbandry Department की ओर से प्रदेश में अभी तक कुल 59094 पशुओं को लंपी वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन लगाई गई है।

हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश स्तर पर एक अन्य जिलों में एक-एक नोडल अफसर को तैनात किया है, जो लंपी त्वचा रोग पर बराबर निगरानी रखे हैं। और सभी जिलों में 334350 वैक्सीन की आवश्यकता है और जबकि विभाग के पास केवल 96293 वैक्सीन ही उपलब्ध हैं। विभाग के निदेशक डा. प्रदीप शर्मा ने कहा कि लंपी त्वचा रोग से कमजोर पशु ज्यादा मर रहे हैं। और जहां यह वायरस फैला है, वहां पांच किलोमीटर के दायरे में पशुओं को वैक्सीन लगाई जा रही है। प्रदेश से लंपी त्वचा रोग की जांच के लिए राज्य के विभिन्न जिलों से एक अगस्त को भोपाल लैब में भेजे खून के नमूनों की जांच रिपोर्ट अभी नहीं पहुंची है।

एक ही लैब पर हिमाचल प्रदेश सहित देश के अन्य राज्य भी नमूनों की जांच के लिए पूरी तरह से निर्भर हैं। स्टेट नोडल अधिकारी डा. अरुण का कहना है कि पूरे उत्तर भारत में यह रोग फैला हुआ है। देश में केवल दो कंपनियां इस रोग की वैक्सीन बनाती हैं। इसके चलते वैक्सीन की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है, लेकिन विभाग की ओर से पूरी कोशिश की जा रही है।

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